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लखनऊ, 7 जनवरी (चेतना न्यूज़/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश में फसल की सही कीमत नहीं मिलने से गुस्साए किसानों ने शनिवार को विधानसभा और मुख्यमंत्री आवास के सामने सड़कों पर कई क्विंटल आलू फेंक दिया। शुक्रवार की रात को ही किसानों ने सड़कों पर आलू फेंकना शुरू कर दिया। सरकार के सूचना तंत्र 'एलआईयू' और पुलिस प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी।  

शनिवार सुबह कई समाचार चैनलों ने जब विधानसभा के सामने की सड़क पर भारी मात्रा में आलू बिखरे होने का दृश्य दिखाया, तब सबको पता चला। 

आलू की कम कीमत मिलने से प्रदेश के आलू किसान बेहद गुस्से में हैं। विरोध स्वरूप किसानों ने राजधानी लखनऊ की सड़कों पर बोरे के बोरे आलू सड़कों पर फेंक दिया। किसानों को मंडियों में 4 रुपये किलो का भाव मिल रहा है, लेकिन किसान सरकार से 10 रुपये प्रति किलो का भाव मांग रहे हैं। 

शनिवार की सुबह आलू फेंके जाने की सूचना से प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में सफाईकर्मियों को बुलाकर सड़कों की सफाई कराई गई। हालांकि बहुत सारा आलू वाहनों के टायरों से दबकर खराब हो गया है। 

रात में गश्त करने का दावा करने वाली पुलिस और खुफिया विभाग का नेटवर्क भी रात में सोता रहा। इस दौरान जिला प्रशासन को भी किसानों के आलू फेंकने की जानकारी नहीं हो पाई। 

लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार ने कहा कि आलू फेंकने वाले किसानों और इस काम के लिए इस्तेमाल में लाए गए वाहनों की पहचान हो गई है। इन किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।


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