बजरंग पूनिया ने बताया विनेश फोगाट ने कब और क्यों लिया चुनाव लड़ने का फैसला, जानें यहां

भारत के दिग्गज खिलाड़ी बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट की राजनीति में एंट्री हो चुकी है। दोनों ने कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया। जैसे ही दोनों पार्टी में शामिल हुए जुबानी हमले शुरू हो गए हैं। बीजेपी के पूर्व सासंद बृजभूषण के खिलाफ धरने पर बैठे इन खिलाड़ियों की मंशा पर सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं अब बजरंग पूनिया ने विनेश फोगाट और खुद के राजनीति में आने के पीछे का कारण बताया है। बजरंग पूनिया ने कहा कि वह राजनीति नहीं करना चाहते थे। वह ऐसा करने के लिए मजबूर हो गए। उनकी लड़ाई बीजेपी नहीं बल्कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ थी। बीजेपी ने खुद ही इसे अपने खिलाफ लड़ाई मान लिया। आज तक को दिए इंटरव्यू में बजरंग ने कहा कि राजनीति से जुड़ने का फैसला विनेश के पेरिस ओलंपिक से लौटने के बाद लिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर आंदोलन के समय पीएम मोदी का फोन आ जाता है तो वह कांग्रेस का दामन न थामते। वहीं बजरंग ने आगे कहा कि बृजभूषण  विनेश के डिस्क्वालिफाई होने पर जश्न मनाने वाले, क्या वे देशभक्त हैं? वह मेडल सिर्फ विनेश का नहीं था 140 करोड़ भारतीयों का था। वह हमें देशभक्ति सीखा रहे हैं। हम ओलंपिक में जात या राज्य के लिए नहीं लड़ते। देश के लिए लड़ते हैं, हम बचपन से देश के लिए लड़ रहे हैं। वह हमें देशभक्ति सिखा रहे हैं। वे लड़कियों से छेड़छाड़ कर रहे हैं, हमने कभी नहीं बताया कि किस पहलवान के साथ छेड़छाड़ हुई। उससने विनेश का नाम लेकर अपराध किया है। हालांकि, बजरंग ने ये भी साफ किया है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके पीछे का कारण भी उन्होंने बताया कि दोनों ने तय किया था कि कोई एक ही चुनाव लड़ेगा। दूसरा सहयोग करेगा। विनेश चुनाव लड़ रही हैं। 

Sep 9, 2024 - 11:38
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बजरंग पूनिया ने बताया विनेश फोगाट ने कब और क्यों लिया चुनाव लड़ने का फैसला, जानें यहां
भारत के दिग्गज खिलाड़ी बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट की राजनीति में एंट्री हो चुकी है। दोनों ने कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया। जैसे ही दोनों पार्टी में शामिल हुए जुबानी हमले शुरू हो गए हैं। बीजेपी के पूर्व सासंद बृजभूषण के खिलाफ धरने पर बैठे इन खिलाड़ियों की मंशा पर सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं अब बजरंग पूनिया ने विनेश फोगाट और खुद के राजनीति में आने के पीछे का कारण बताया है। 

बजरंग पूनिया ने कहा कि वह राजनीति नहीं करना चाहते थे। वह ऐसा करने के लिए मजबूर हो गए। उनकी लड़ाई बीजेपी नहीं बल्कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ थी। बीजेपी ने खुद ही इसे अपने खिलाफ लड़ाई मान लिया। आज तक को दिए इंटरव्यू में बजरंग ने कहा कि राजनीति से जुड़ने का फैसला विनेश के पेरिस ओलंपिक से लौटने के बाद लिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर आंदोलन के समय पीएम मोदी का फोन आ जाता है तो वह कांग्रेस का दामन न थामते। 

वहीं बजरंग ने आगे कहा कि बृजभूषण  विनेश के डिस्क्वालिफाई होने पर जश्न मनाने वाले, क्या वे देशभक्त हैं? वह मेडल सिर्फ विनेश का नहीं था 140 करोड़ भारतीयों का था। वह हमें देशभक्ति सीखा रहे हैं। हम ओलंपिक में जात या राज्य के लिए नहीं लड़ते। देश के लिए लड़ते हैं, हम बचपन से देश के लिए लड़ रहे हैं। वह हमें देशभक्ति सिखा रहे हैं। वे लड़कियों से छेड़छाड़ कर रहे हैं, हमने कभी नहीं बताया कि किस पहलवान के साथ छेड़छाड़ हुई। उससने विनेश का नाम लेकर अपराध किया है। 

हालांकि, बजरंग ने ये भी साफ किया है कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके पीछे का कारण भी उन्होंने बताया कि दोनों ने तय किया था कि कोई एक ही चुनाव लड़ेगा। दूसरा सहयोग करेगा। विनेश चुनाव लड़ रही हैं। 

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