जिनको सरकार ने चिकित्सा व्यवसाय करने की पात्रता प्रदान की वो अपात्र कैसे ? और अगर अपात्र नहीं तो फिर अपात्रों जैसा व्यवहार क्यों ?

Jul 19, 2024 - 12:15
Jul 19, 2024 - 12:16
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जिनको सरकार ने चिकित्सा व्यवसाय करने की पात्रता प्रदान की  वो अपात्र कैसे ? और अगर अपात्र नहीं तो फिर अपात्रों जैसा व्यवहार क्यों ?
जिनको सरकार ने चिकित्सा व्यवसाय करने की पात्रता प्रदान की  वो अपात्र कैसे ? और अगर अपात्र नहीं तो फिर अपात्रों जैसा व्यवहार क्यों ?

जिनको सरकार ने चिकित्सा व्यवसाय करने की पात्रता प्रदान की वो अपात्र कैसे ? और अगर अपात्र नहीं तो फिर अपात्रों जैसा व्यवहार क्यों ?

 15/07/2024 को जारी पत्र में इलेक्ट्रो होम्योपैथी में कार्य करने का संदर्भ क्यों हटाया गया ?

मध्यप्रदेश में 2 लाख 50 हजार इलेक्ट्रो होम्योपैथी, लगभग एक लाख जनस्वास्थ्य रक्षक, लगभग 30 हजार कम्युनिटी हेल्थ वर्कर करेंगे बड़े आंदोलन की तैयारी ।

 देवास 18 जुलाई ( चेतना न्यूज) वैकल्पिक चिकित्सकों का अस्तित्व भारत वर्ष में हमेशा से ही रहा है तथा भारत के जनमानस ने हमेशा ही उनको सम्मान दिया है। लेकिन जब से भारत में विदेशी पद्धति एलोपैथी का उदय हुआ तब से किसी खास मकसद के तहत भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के चिकित्सकों को नजरअंदाज करने व जनमानस में उनके कार्य को दोयम दर्जे का घोषित करने की एक मुहिम चलाई जाने लगी जो दुर्भाग्यपूर्ण है। जबकि वास्तविकता ये है कि आज भी सुदूर ग्रामीण अंचलों में अगर स्वास्थ्य सेवाएं आसानी से एवम कम शुल्क पर उपलब्ध हैं तो उसका श्रेय वैकल्पिक चिकित्सकों को ही जाता है। क्यों कि सुदूर ग्रामीण अंचलों में न्यूनतम संशाधनों के बीच ये ही पीड़ित मानवता की सेवा का मोर्चा सम्भाले हुए हैं। साथ ही ये भी कटु सत्य है कि शासन प्रशासन की प्रताड़नाओं के बाबजूद आज भारत चिकित्सा के क्षेत्र में अच्छे पायदान पर है तो इन वैकल्पिक चिकित्सकों का योगदान भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें प्रताड़ित करने का प्रयास सतत जारी है जो बड़ा ही पीड़ादायक है। जैसा कि आपको याद है की करोना की महामारी के उस दौर में कोई फ्रंटलाइन वॉरियर की तरह अपनी जान जोखिम में डालकर आमजन की सेवा में तत्पर रहा और लाखों लोगों की जान बचाई, वो यही वैकल्पिक चिकित्सक ही थे लेकिन फिर भी पत्र/ प्रपत्र जारी कर उन्हें प्रताड़ित क्यों किया जा रहा है ? दिनांक 15/07/2024 को आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवम चिकित्सा शिक्षा द्वारा जो पत्र जारी हुआ है उसके पीछे किन अपात्रों के खिलाफ कार्यवाही की मंशा है ? जबकि वर्तमान में जो भी चिकित्सक चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहे हैं वो दो ही प्रकार के चिकित्सक हैं, या तो वो मान्यता प्राप्त हैं या फिर पात्रता प्राप्त। 1.वे जो मान्यता प्राप्त हैं, जैसे एलोपैथ, आयुर्वेदा, यूनानी, और होम्योपैथ। 2. दूसरे वे जो शासन द्वारा पात्रता प्राप्त हैं। जैसे इलेक्ट्रो होम्योपैथ, मैग्नेटो थेरेपिस्ट, एक्यू प्रेसर थेरेपिस्ट,आदि आदि इनमें सबसे बड़ी संख्या इलेक्ट्रो होम्योपैथ चिकित्सकों की ही है।

मध्यप्रदेश शासन ने इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा व्यवसायियों को इलेक्ट्रो होम्योपैथी में चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने की अनुमति आयुक्त स्वास्थ्य सेवाएं मध्य प्रदेश शासन नें अपने पत्र क्रमांक/अ.प्रशा./सेल-6/एफ-292/2011/1084 भोपाल दिनांक-26/08/2011 तथा प्रमुख सचिव मध्य प्रदेश शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन,भोपाल से प्रमुख सचिव द्वारा जारी पत्र क्रमांक एफ-10.10/2017/17/मेडि-2 दिनांक 14/11/2017 एवम पत्र क्रमांक एफ-10.10/2010/10/मेडी-2 दिनांक 24/10/2018 द्वारा प्रदान की है। उपरोक्त तीनों ही पत्र के कालम 4 की कंडिका 1 में वैकल्पिक चिकित्सकों को बिना मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में पंजीयन करवाए अहर्ताओं के अनुरूप कार्य करने की पात्रता प्रदान की गई है। हम यहां बता दे कि, अभी तक अपात्र, गैर वैधानिक, झो... प चिकित्सकों के खिलाफ जो भी पत्र/ प्रपत्र जारी हुए हैं उनके कंडिका 4 के कॉलम 1 में इलेक्ट्रो होम्योपैथी में बिना सीएमएचओ ऑफिस में कार्य करने की पात्रता का उल्लेख था लेकिन दिनांक 15/07/2024 को जारी पत्र में इसका उल्लेख नहीं है ? ऐसा क्यों ? क्या ये भूलवश हुआ है या जानबूझकर हटाया गया है। अगर ये भूलवश हुआ है तो इसे तुरंत प्रभाव से संशोधित किया जाय । वैकल्पिक चिकित्सक संघ के अनुसार अन्यथा इस पत्र को मध्यम बनाकर हमारे चिकित्सकों को जांच दल द्वारा परेशान किया जायेगा और बताया जाएगा कि इस पत्र में ऐसा कोई उल्लेख नहीं है, इसलिए हम वही करने को बाध्य हैं जो इस पत्र में आदेशित किया गया है।

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