वैकल्पिक चिकित्सकों ने दिया ज्ञापन, नवीन आदेश में विलोपित कडिक़ा 4 को पुन: जोड़ा जाए

Jul 22, 2024 - 19:54
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वैकल्पिक चिकित्सकों ने दिया ज्ञापन, नवीन आदेश में विलोपित कडिक़ा 4 को पुन: जोड़ा जाए
वैकल्पिक चिकित्सकों ने दिया ज्ञापन, नवीन आदेश में विलोपित कडिक़ा 4 को पुन: जोड़ा जाए

वैकल्पिक चिकित्सकों ने दिया ज्ञापन, नवीन आदेश में विलोपित कडिक़ा 4 को पुन: जोड़ा जाए

देवास 22जुलाई (चेतना न्यूज)वैकल्पिक चिकित्सक संघ ने अपनी उपचार के दौरान आ रही समस्याओं को लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष चिकित्सक भालचंद्र तिवारी के नेतृत्व में कलेक्टर कार्यालय में मुख्यमंत्री के नाम, विधायक गायत्रीराजे पवार एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि पूर्व में जारी किए गए तीन आदेशों में स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया है कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी/आल्टरनेटिव मेडिसिन देश के विधान अनुसार स्थापित चिकित्सा पद्धतियां नही है। इन पैथी के व्यवसाइयों हेतु माननीय उच्च न्यायालय पं. बंगाल, मप्र तथा नई दिल्ली द्वारा इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नही किए जाने संबंधि निर्देश है। किंतु इन पद्धतियों के चिकित्सा व्यवसाई केवल अपनी पद्धति में ही चिकित्सा व्यवसाय कर सकते है। जब माानीय उच्च न्यायालय एवं मप्र शासन द्वारा इन पैथी चिकित्सकों को अपनी विधा से कार्य करने की पात्रता पूर्व से ही प्रदान की गई है। लेकिन वर्तमान आदेश में इसको विलोपित कर दिया गया है, जिससे इस विधा के चिकित्सकों को भी इस कार्यवाही का सामना करना पड़ रहा है जो कि न्याय संगत नहीं है। साथ ही हमारा श्रीमान से ये भी अनुरोध है कि उक्त आदेश के तहत जो छापामार कार्यवाही की जा रही है, उसके स्वरूप को बदलने के निर्देश जारी किए जाए। पहले चिकित्सा व्यवसाई से उसके द्वारा प्रदान की जा रही चिकित्सा सेवाओं से संदर्भित जानकारी मांगी जाए और अगर वो प्रस्तुत न करे या संतोषजनक जानकारी न प्रदान करे तब उसके खिलाफ इस तरह की कार्यवाही की जाए। हम वही चिकित्सक हैं जिन्होंने कोरोना जैसी महामारी के समय अपनी जान की परवाह न करते हुए सरकार के कंधे से कंधा मिलाकर लोगों की जान बचाई है। ये आज भी समाज में मानव सेवा के रूप में एक पुनीत कार्य ही कर रहे हैं, जिसकी माननीय मुख्यमंत्री जी ने भी कई मंचों से भूरि भूरि प्रशंसा की है। हम चिकित्सकों ने मध्यप्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत एवं शासकीय अटल बिहारी बाजपेई हिन्दी विश्वविद्यालय द्वारा संचालित आधारभूत स्वास्थ्य संरक्षण डिप्लोमा और पीजी डिप्लोमा के संदर्भ में भी आपके संज्ञान में ये विषय लाना चाहते हैं, कि इस कोर्स का संचालन श्रीमान मुख्यमंत्री जी के उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए उनके आदेशानुसार ही चिकित्सा शिक्षा नियंत्रण अधिनियमों के तहत ही शुरू हुआ है। चिकित्सक संघ ने मांग की है कि नवीन आदेश में विलोपित की गई कडिक़ा 4 को पुन: जोड़ा जाए। साथ ही शासकीय अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त लोमा और पीजी डिप्लोमाधारी प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को भी उनके आधारभूत स्वास्थ्य संरक्षण में डिप्लोमा पाठ्यक्रम की रूपरेखा अनुसार स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने का आदेश दिलवाते हुए लाखों परिवारों की रोजी-रोटी एवं मान सम्मान पर आए इस संकट को दूर करने में सहयोग प्रदान करे। इस दौरान संभाग उपाध्यक्ष एस.के. वर्मा, जिला महासचिव केदार वर्मा, मुकेश पांचाल, प्रेमसागर चौहान, कमल यादव, जे.पी. यादव, एस.के. नवरंग, विजय कुमार बेले, अनिल चंदेल, उदय सिंह यादव सहित बडी संख्या में चिकित्सक उपस्थित थे।

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