नई दिल्ली/भोपाल। NEET UG 2025 की परीक्षा को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इंदौर और उज्जैन के सैकड़ों छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दरअसल मामला यह है कि कुछ एग्जाम सेंट्रो पर परीक्षा के दौरान बिजली कट गई थी इसके बाद छात्रों को परीक्षा देने में दिक्कत हुई और कुछ छात्रों ने कहा कि जो जी प्रश्न का हाल उन्हें आता था अंधेरे की वजह से वह भी छूट गया और घबराहट होने लगी।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को स्वीकार किया
बता दें कि छात्रों की तरफ से दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। और अब इस मामले पर अगला हफ्ते सुनवाई होगी। याचिका में यह मांग की गई है कि जिन परीक्षा केंद्रों पर बिजली गई थी और छात्रों को मोमबत्ती की रोशनी में पेपर देना पड़ा, वहां परीक्षा दोबारा कराई जाए।
याचिका में क्या है?
छात्रों ने याचिका में बताया कि इंदौर और उज्जैन के कई सेंटरों पर परीक्षा के समय बिजली चली गई थी। इससे न केवल अंधेरा हो गया, बल्कि उनका ध्यान भी भटक गया। स्थिति इतनी खराब थी कि कुछ केंद्रों पर शाम 4:30 बजे के बाद मोमबत्तियों का सहारा लिया गया। वह भी पेपर खत्म होने से मात्र 30 मिनट पहले। कई छात्रों ने कहा कि उन्हें सवालों के जवाब आते थे, लेकिन अंधेरे और तनाव के कारण वे सही से उत्तर नहीं दे सके।
हाईकोर्ट ने क्या कहा था?
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस मामले में छात्रों की याचिका को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने यह मानने से इनकार कर दिया था कि बिजली कटौती की वजह से परीक्षा रद्द की जाए। हालांकि, कोर्ट ने नीट यूजी रिजल्ट की घोषणा पर फिलहाल रोक जरूर लगा दी थी।
अब क्या होगा आगे?
अब अगले हफ्ते (HC) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, सब का नजर सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं। अगर कोर्ट छात्रों के पक्ष में फैसला करता है, तो इंदौर और उज्जैन के कुछ सेंटर्स पर दोबारा परीक्षा कराई जा सकती है। यह फैसला देशभर के लाखों छात्रों को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि इससे नीट की काउंसलिंग प्रक्रिया में भी देरी हो सकती है।
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