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नई दिल्ली, 17 मई (चेतना न्यूज़)| सूखा प्रभावित क्षेत्रों में सरकार को ग्रामीण कर्जधारकों के ऋण का भुगतान करना चाहिए। यह बात मंगलवार को एक उद्योग संघ ने कही है। एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) के अध्यक्ष सुनील कनोरिया ने एक बयान में कहा, "सूखे की मार झेल रही ग्रामीण आबादी और किसानों को तत्काल राहत के तौर पर सरकार को उनके बकाए ऋण के भुगतान की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले लेनी चाहिए और प्रभावित क्षेत्रों में सब्सिडी दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने चाहिए।"

एसोचैम ने कहा कि गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के मामले में अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना कर रहे बैंकों से कर्ज माफी का बोझ उठाने की उम्मीद नहीं की जा सकती है।

कनोरिया ने कहा कि एसोचैम के अनुमान के मुताबिक, 11 राज्यों के 265 जिलों में सूखे के कारण अर्थव्यवस्था को 6.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

उन्होंने कहा, "यदि आबादी का एक बड़ा हिस्सा गरीबी और परेशानी की मार झेलती रहे, तो सात फीसदी से अधिक विकास दर का कोई लाभ नहीं। हम समग्र आर्थिक विकास में विश्वास रखते हैं।"

एसोचैम ने हालांकि कहा कि मानसून के सामान्य रहने से स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है।
 


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