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उज्जैन, 21 मई (चेतना न्यूज़)| मध्यप्रदेश की धर्मनगरी उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ का शनिवार को अंतिम शाही स्नान के साथ समापन हो गया। तीसरे शाही स्नान में विभिन्न अखाड़ों की टोलियों ने यहां के माहौल को जहां संतों की नगरी में बदल दिया, वहीं 'हर हर महादेव' और 'जयश्रीराम' केजयकारे बीच एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने क्षिप्रा नदी में डुबकी लगाई। उज्जैन में 22 अप्रैल से शुरू हुए सिंहस्थ कुंभ का तीसरा शाही स्नान कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। पहला मौका था, जब शैव और वैष्णव संप्रदाय के अखाड़ों के साधुओं ने एक ही समय अलग-अलग घाटों पर स्नान किया। इससे पहले इन संप्रदायों के अखाड़े अलग-अलग समय पर स्नान करते आए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीसरे शाही स्नान में एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का दावा किया। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ कुंभ पूरी तरह सफल रहा। प्राकृतिक आपदा आई, लेकिन श्रद्धालुओं ने धैर्य का परिचय दिया। प्रशासन, जनसहयोग, स्वयंसेवकों और स्थानीय नागरिकों की मदद से व्यवस्था को चंद घंटों में ही फिर से स्थापित कर दिया गया। तीसरे शाही स्नान के लिए सुबह तीन बजे से ही विभिन्न छावनियों से अखाड़े अपने महामंडलेश्वर, श्रीमहंत और साधु-संतों के साथ, हाथी, घोड़े, ऊंट, रथ व बग्घियों पर सवार होकर बैंडबाजों के साथ शंखनाद करते हुए क्षिप्रा तट पर पहुंचने लगे। हर तरफ गूंजती शंख-ध्वनि से माहौल आस्थापूर्ण हो गया। तीसरे शाही स्नान की शुरुआत पंचदशनाम जूना अखाड़े के साथ-साथ आवाहन और अग्नि तथा निरंजनी एवं आनंद अखाड़ों ने भी अपने-अपने महामंडलेश्वर, श्रीमहंत और साधु-संतों के साथ दत्त अखाड़ा घाट पर स्नान किया। परंपरा के मुताबिक, नागा साधुओं ने सबसे पहले त्रिशूल को नहलाया, उसके बाद स्वयं डुबकी लगाई। नागा साधुओं के स्नान के बाद ही अन्य साधु-संतों ने स्नान किया। इसके बाद महानिर्वाणी व पंचअटल अखाड़ों के साधु-संन्यासियों ने स्नान किया। उसी समय रामघाट पर वैष्णव अखाड़ों का शाही स्नान भी चल रहा था। रामघाट पर निर्वाणी अणि अखाड़ा, दिगम्बर अणि अखाड़ा और निर्मोही अणि अखाड़े के साधु-संतों ने स्नान किया। इसके बाद पंचायती बड़ा अखाड़ा, उदासीन अखाड़ा, पंचायती नया उदासीन अखाड़ा एवं निर्मल अखाड़े के साधु-संत, श्रीमहंत व महामंडलेश्वरों ने जुलूस के रूप में रामघाट पहुंचकर स्नान किया। सभी 13 अखाड़ों के स्नान के बाद दत्त अखाड़ा घाट और रामघाट पर आम श्रद्धालुओं को स्नान का मौका दिया गया। तीसरे शाही स्नान में पिछले शाही स्नान की तुलना में कहीं ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे, जिससे उज्जैन की तमाम सड़कों से लेकर क्षिप्रा के घाटों तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। तीसरे शाही स्नान में पहुंचे श्रद्धालुओं के कारण उज्जैन की ओर आने वाले मार्गो पर कई किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं, हजारों वाहन जाम में फंसे रहे। सैकड़ों श्रद्धालुओं को क्षिप्रा के घाटों तक पहुंचने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। पूर्व तय की गई व्यवस्था के मुताबिक, तीसरे व अंतिम शाही स्नान में क्षिप्रा नदी के दत्त अखाड़ा पर शैव संप्रदाय व रामघाट पर वैष्णव संप्रदाय के अखाड़ों के साधु-संतों ने शाही स्नान किया। शाही स्नान का क्रम तड़के तीन बजे से ही शुरू हो गया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने स्नान करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि इस बार शाही स्नान की व्यवस्थाएं अच्छी रहीं। एक ही समय दोनों संप्रदाय के साधु-संतों ने अलग-अलग घाटों पर स्नान कर सिंहस्थ कुंभ में इतिहास रचा। दूसरे शाही स्नान के मुकाबले तीसरे शाही स्नान में ज्यादा भीड़ उमड़ने के मद्देजनर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। चारों ओर बैरिकेडिंग की गई और वाहनों को घाटों से काफी दूर ही रोक दिया गया। इस कारण श्रद्धालुओं को लगभग एक किलोमीटर पैदल चलना पड़ा। एक तरफ जहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम दिखे, वहीं स्वास्थ्य विभाग ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के इंतजाम किए थे।

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