Pakistan के प्रधानमंत्री ने अंतररष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर ‘शिक्षा आपातकाल’ की घोषणा की

इस्लामाबाद । पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर देश में स्कूलों से वंचित 2.60 करोड़ बच्चों को शिक्षित करने के इरादे से ‘शिक्षा आपातकाल’ की घोषणा की। सरकारी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान की खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस कदम की घोषणा की और निजी क्षेत्र तथा नागरिक संगठनों से सरकार का सहयोग करने का आग्रह किया। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नेता शहबाज (72) ने शिक्षा एजेंडे को आगे बढ़ाने तथा सूचना के मामले में सबल एवं टिकाऊ राष्ट्र के लिए प्रयास करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, ‘‘हमने पूरे देश में शैक्षिक आपातकाल घोषित कर दिया है, छात्रों के लिए नामांकन अभियान शुरू किया है और स्कूलों में बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन शुरू किया गया है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि साक्षरता एक मौलिक मानवीय और संवैधानिक अधिकार है जो हमारे देश के भविष्य की गारंटी देता है। उन्होंने कहा कि साक्षरता केवल पढ़ने और लिखने की क्षमता नहीं है, बल्कि यह ‘‘सशक्तीकरण, आर्थिक अवसरों और समाज में सक्रिय भागीदारी का प्रवेश द्वार’’ है। इससे पहले मई में भी शहबाज शरीफ ने शिक्षा आपातकाल की घोषणा की थी और स्कूल न जाने वाले लगभग 2.60 करोड़ बच्चों को दाखिला दिलाने का संकल्प लिया था। संयुक्त राष्ट्र के निकाय यूनेस्को ने रेखांकित किया है कि विकासशील देशों में चार में से तीन बच्चे 10 वर्ष की आयु तक बुनियादी पाठ्य सामग्री को पढ़ या समझ नहीं सकते हैं, तथा विश्वभर में अब भी 75.4 करोड़ वयस्क निरक्षर हैं, जिनमें से दो तिहाई महिलाएं हैं।

Sep 9, 2024 - 11:38
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Pakistan के प्रधानमंत्री ने अंतररष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर ‘शिक्षा आपातकाल’ की घोषणा की
इस्लामाबाद । पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर देश में स्कूलों से वंचित 2.60 करोड़ बच्चों को शिक्षित करने के इरादे से ‘शिक्षा आपातकाल’ की घोषणा की। सरकारी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान की खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस कदम की घोषणा की और निजी क्षेत्र तथा नागरिक संगठनों से सरकार का सहयोग करने का आग्रह किया। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नेता शहबाज (72) ने शिक्षा एजेंडे को आगे बढ़ाने तथा सूचना के मामले में सबल एवं टिकाऊ राष्ट्र के लिए प्रयास करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। 

उन्होंने कहा, ‘‘हमने पूरे देश में शैक्षिक आपातकाल घोषित कर दिया है, छात्रों के लिए नामांकन अभियान शुरू किया है और स्कूलों में बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन शुरू किया गया है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि साक्षरता एक मौलिक मानवीय और संवैधानिक अधिकार है जो हमारे देश के भविष्य की गारंटी देता है। 

उन्होंने कहा कि साक्षरता केवल पढ़ने और लिखने की क्षमता नहीं है, बल्कि यह ‘‘सशक्तीकरण, आर्थिक अवसरों और समाज में सक्रिय भागीदारी का प्रवेश द्वार’’ है। इससे पहले मई में भी शहबाज शरीफ ने शिक्षा आपातकाल की घोषणा की थी और स्कूल न जाने वाले लगभग 2.60 करोड़ बच्चों को दाखिला दिलाने का संकल्प लिया था। संयुक्त राष्ट्र के निकाय यूनेस्को ने रेखांकित किया है कि विकासशील देशों में चार में से तीन बच्चे 10 वर्ष की आयु तक बुनियादी पाठ्य सामग्री को पढ़ या समझ नहीं सकते हैं, तथा विश्वभर में अब भी 75.4 करोड़ वयस्क निरक्षर हैं, जिनमें से दो तिहाई महिलाएं हैं।

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