सांसारिक यात्रा की तैयारी है , लेकिन अनंत यात्रा की तैयारी की या नहीं-आचार्य श्री पद्मभूषणजी

Jun 8, 2024 - 12:14
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सांसारिक यात्रा की तैयारी है , लेकिन अनंत यात्रा की तैयारी की या नहीं-आचार्य श्री पद्मभूषणजी
सांसारिक यात्रा की तैयारी है , लेकिन अनंत यात्रा की तैयारी की या नहीं-आचार्य श्री पद्मभूषणजी

सांसारिक यात्रा की तैयारी है , लेकिन अनंत यात्रा की तैयारी की या नहीं-आचार्य श्री पद्मभूषणजी पूज्य आचार्य का भव्य नगर प्रवेश संपन्न गुरुदेव की आगवानी , प्रवचन एवं बहुमान समारोह हुआ आयोजित देवास 8 जून (चेतना न्यूज)हमारी सांसारिक यात्राओं की तैयारी कई दिनों पूर्व से हम करते हैं, लेकिन अनंत की यात्रा की हमारी कुछ तैयारी है या नहीं ? सीमित रूप से मिला हमारा आधा जीवन सोने में और बाकी का बचा हुआ खाने पीने मौज मस्ती और सांसारिक कार्यों में चला जाता है। जिन शासन की प्राप्ति, गुरुदेव का योग मिलने के बाद भी हमने हमारी आत्मा के कल्याण के कार्य में विशेष दिलचस्पी नहीं ली। जिस कार्य को करने से हमारी आत्मा का कल्याण एवं आगामी भव का सुधार होता है वही कल्याणकारी कार्य हमें समय रहते कर लेना चाहिए। इसी में मानव जीवन की भलाई है। यह बात आचार्य श्री पद्मभूषण सुरीश्वरजी एवं पन्यास प्रवर ऋषभ विजयजी ने देवास नगर प्रवेश के दौरान कहीं। पूज्य गुरुदेव आचार्य श्री वीररत्न सूरीश्वरजी म.सा. के शिष्य पूज्य आचार्य श्री पद्मभूषण सूरीश्वरजी,पन्यास प्रवर श्री ऋषभरत्न विजय जी , भावरत्न एवं शौर्यरत्न विजय जी म.सा. आदि का 7 जून को देवास में पदार्पण हुआ। इस अवसर पर पूज्यश्री के नगर प्रवेश का सामैया , शोभा यात्रा प्रवचन माला आदि का भव्य आयोजन हुआ। उक्त जानकारी देते हुए प्रवक्ता विजय जैन ने बताया कि शुक्रवार को प्रातः 8 बजे मंडी धर्मशाला से नगर प्रवेश का सामैया प्रारंभ हुआ। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में गुरु भक्त शामिल हुए। समाज जनों ने अपने घरों के सामने से अक्षत एवं श्रीफल की गहुली बनाकर गुरुदेव की अगवानी की। नौजवान झूमते नाचते हुए चल रहे थे। प्रारंभ स्थल पर श्री संघ द्वारा विशिष्ट संघ पूजन की गई। श्री आदेश्वर मंदिर बड़ा बाजार , होते हुए जेल रोड से श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर पर समापन हुआ। यहां पर पूज्य श्री का स्वागत , वंदन एवं प्रवचन आदि संपन्न हुए। प्रवचन के दौरान मामाजी परिवार के जयमित जैन जिम्मी द्वारा शत्रुंजय तीर्थ की नवाणु यात्रा के उपलक्ष में सकल श्री संघ की तरफ से बहुमान सम्मान किया गया। तत्पश्चात सकल श्री संघ की पूर्ण नवकारशी साधर्मिक भक्ति का आयोजन हुआ। पूर्ण नवकारशी का लाभ मातेश्वरी सजनबाई अमोलकचंद सुरेंद्र जैन मामा परिवार द्वारा लिया गया। आगामी कार्यक्रम के अंतर्गत दिनांक 8 जून शनिवार को प्रातः 9.15 बजे मुद्रा पूर्वक नवकार महामंत्र की आराधना तथा साधना की जावेगी।साथ ही साथ गुरुदेव की अमृतवाणी का श्रवण भी होगा।

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