त्रिलोक नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था के वर्तमान अध्यक्ष द्वारा पूर्व अध्यक्ष की मिलीभगत से किया जा रहा संस्था का संचालन
देवास जून (चेतना न्यूज)त्रिलोक नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था अध्यक्ष मुकेश रावत द्वारा पूर्व अध्यक्ष टी.पी. तिवारी के साथ सांठगांठ कर संस्था के सारे रिकार्ड कार्यालय में ना रखते हुए, पूर्व अध्यक्ष के घर पर रखे गए। जबकि पूर्व अध्यक्ष तिवारी पर संस्था के वित्तीय अनियमितता की जांच प्रचलन में है। जिसकी शिकायत संस्था सदस्यों ने मंगलवार को जनसुनवाई में कलेक्टर से की। संस्था के अनिल सिंह ठाकुर ने बताया कि कुछ माह पहले त्रिलोक नगर गृह निर्माण सहकारी संस्था देवास का निर्वाचन संपन्न हुआ था। जिसमें मुकेश रावत (अध्यक्ष) पद पर निर्वाचित हुए थे। वर्तमान अध्यक्ष रावत के अभी तक के कार्यकाल में संस्था के संचालक असंतुष्ट है। अध्यक्ष के कार्यकाल में किसी भी संचालक को कार्य प्रणाली संबंधित जानकारी नहीं दी जा रही है। संस्था के कार्य संबंधित संचालको के पूछने पर भी अध्यक्ष चार्ज संबंधित कुछ बताने को तैयार नहीं है। अभी तक अध्यक्ष द्वारा बिना ठहराव/प्रस्ताव के कई कार्य किये गये है। जिसकी जानकारी संचालको को मिलने पर यह कहा गया है की मैंने जो कर दिया है सब सही है। अध्यक्ष रावत द्वारा त्रिलोक नगर में 09 शापिंग कॉम्पलेक्स में कार्यालय संचालन करना बताया गया है, किन्तु अभी तक इनके द्वारा समस्त चार्ज के दस्तावेज आपके कार्यालय से व पुर्व अध्यक्ष टी.पी. तिवारी के घर से नहीं लिया गया है। जो संशय का विषय है। इससे यह प्रतित होता है कि त्रिलोक नगर का कार्यालय का संचालन अभी भी पुर्व अध्यक्ष के घर से किया जा रहा है। पुर्व अध्यक्ष टी.पी. तिवारी पर शासन से कई वित्तीय अनियतित्ता करने की जाँच प्रचलन में है। इससे माना जाता है की वर्तमान (अध्यक्ष) मुकेश रावत से इनकी मिली भगत से कार्य कर रहे हैं। जिसके लिये हमे आपत्ती है। श्री रावत द्वारा बजावरी के केस में सांठ-गांठ कर आय.एम. कुरैशी के प्रकरण में संस्था को हानी पहुंचाई गई है व एक मुश्त समझौते में इनके द्वारा कैश (नगद) पैसा लिया गया है जो विधि सम्मत नहीं। श्री रावत द्वारा संस्था के संचालको को निलंबित करने की साजिश की जाती है, जिससे पूर्व अध्यक्ष तिवारी के साथ मिल कर अपनी मन-मानी कर सकें। इनके कार्यकाल में जो भी किया जा रहा है बिना सलाह एवं ठहराव प्रस्ताव के कार्य किया जा रहा है। अत: भविष्य में किसी भी प्रकार से वित्तीय अनियतित्ता अथवा नियम विरूद्ध कार्य करने पर प्रार्थी की कोई जवाबदारी नहीं होगी। समस्त जवाबदारी अध्यक्ष रावत की होगी। पूर्व अध्यक्ष तिवारी द्वारा संस्था के कुछ सदस्यों को भवन की आधी किमत लेकर अनुबंध किया गया कि शेष राशि रजिस्ट्री के समय देय होगी। किंतु वर्तमान अध्यक्ष रावत द्वारा अनुबंध को बिना पढे सन् 2021 का ठहराव/प्रस्ताव का हवाला देकर सदस्यों पर कार्यवाही कि गई है कि आप 18 प्रतिशन ब्याज के साथ शेष राशि भरे, हेतु बिना नोटीस (पत्र के साथ संलग्न) नये संचालको के ठहराव / प्रस्ताव के सदस्यों को मानसिक प्रताडना दी गई है। जिसकी जाँच करने हेतु आपसे निवेदन है। संस्था के संचालक उत्तम राव चडोकर, गणेश पवार, नरेंद्र दाडांगे, संतोष जोशी, जितेंद्र तोमर, सुंदा भोले, उर्मिला व्यास आदि ने मांग की है कि वर्तमान अध्यक्ष की पूर्व अध्यक्ष की मिलीभगत को देखते हुए संस्था पूर्ण रूप से भंग कर पूर्ण नवीन तरीके से संस्था का गठन किया जाए।
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